नई दिल्ली: मरकज़ जमाअत इस्लामी हिन्द नई दिल्ली में आयोजित प्रतिनिधियों की केंद्रीय मजलिस जमाअत इस्लामी हिन्द के हालिया बैठक में जमाअत इस्लामी हिन्द के नेतृत्व के लिए आज एक बार फिर जनाब सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी का चयन किया गया.
जमाअत इस्लामी हिन्द की केंद्रीय नेतृत्व का यह चयन चार साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है. मौलाना मौदूदी (अलैहि रहमा) द्वारा शुरू किए गए इस आंदोलन में आज़ादी के बाद भारत के पहले अमीर मौलाना अबुल लैस इस्लाही नदवी हुए. मौलाना अबुल लैस इस्लाही नदवी साहब साल 1948 से 1972 तक 24 साल अमीर जमाअत रहे.
उसके बाद मौलाना मुहम्मद यूसुफ अमीर जमाअत चुने गए और आप 9 साल तक यानि 1972 से 1981 तक अमीर जमाअत रहे. 1981 में स्वर्गीय मौलाना अबुल लैस इस्लाही नदवी को जमाअत के अमीर के रूप में फिर से चुना गया, वह 1990 तक अमीर जमाअत इस्लामी हिन्द रहे. 1990 से 2003 तक, स्वर्गीय मौलाना मुहम्मद सिराजुल हसन जमाअत इस्लामी हिन्द के अमीर रहे. 2003 से 2007 तक डॉ. अब्दुल हक अंसारी अमीर जमाअत रहे.
2007 से 2019 तक मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी अमीर जमाअत रहे. 2019 में, माननीय जनाब सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी को जमात के अमीर के रूप में चुना गया और आज फिर जमात-ए-इस्लामी हिंद के प्रतिनिधियों की केंद्रीय मजलिस ने उन्हें 2023 से 2027 अवधि के लिए जमाअत इस्लामी हिन्द के दोबारा अमीर (अध्यक्ष) चुन लिया है.