पूर्वांचल के स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित आसिफ़ आज़मी की पुस्तक ‘माटी के महायोद्धा’ का लोकार्पण

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लखनऊ, 19 मार्च, 2023: भारतवर्ष त्याग, तपस्या और बलिदान की धरती है. यहां उन्हीं हस्तियों को सिर-आँखों पर रखा जाता है जिन्होंने तप और त्याग का रास्ता अपनाया. “माटी के महायोद्धा” पुस्तक कुछ ऐसे ही संघर्ष और बलिदान की वीरगाथाओं पर आधारित है जो भारत के स्वाधीनता संग्राम में पूर्वांचल के सत्याग्रहियों एवं क्रांतिकारियों ने अपने साहस, परिक्रम और कुर्बानियों से रची है. ये विचार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने माटी न्यास द्वारा आयोजित एक पुस्तक लोकार्पण समारोह में व्यक्त किए.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

वे यहां के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आसिफ़ आज़मी की पुस्तक “माटी के महायोद्धा” के लोकार्पण में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. पूर्वांचल के स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित इस अनूठी पुस्तक में 32 जिलों के 192 स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन यात्रा और देश की आज़ादी में उनके योगदान का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है.

राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की आज़ादी में पूर्वांचल का अहम योगदान रहा है, हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उन लोगों को जानें और उनके प्रति कृतज्ञता का भाव रखें, जिन्होंने अपनी जान की बाज़ी लगा कर हमें आज़ादी की खुली हवा में सांस लेने का अवसर दिया. उन्होंने कहा कि “माटी के महायोद्धा” किताब एक बड़ी पहल है, जिसके हेतु लेखक और माटी न्यास बधाई का पात्र हैं.

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे बृजेश पाठक ने कहा कि इस प्रकार की पुस्तकें दर्शाती हैं कि उत्तर प्रदेश ने स्वतंत्रता आंदोलन में किस प्रकार से देश की अगुवाई की है, आसिफ़ आज़मी के इस प्रयास को जितना सराहा जाए, कम है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के उप मुख्य मंत्री बृजेश पाठक

पूर्व आईपीएस श्री प्रकाश सिंह ने कहा कि पूर्वांचल की धरती राष्ट्र नायकों की जननी है, इस पुस्तक में 192 स्वतंत्रता सेनानियों का उल्लेख इस बात को दर्शाता है.

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन सचिव डा. बाल मुकुंद पांडेय ने कहा कि ऐसे सेनानियों के संख्या हजारों में है जिनका जिक्र दस्तावेज़ों, समाचार-पत्रों, अभिलेखों, पांडुलिपियों तथा गैज़ेटियर्स और सबसे बढ़कर मौखिक दास्तानों में बिखरा पड़ा है.

ऐसे सेनानियों से देश को परिचित कराना हमारा कर्तव्य है. ख़ुशी की बात है कि लेखक आसिफ़ आज़मी ने इस पुस्तक में कई ऐसे भूले बिसरे स्वतंत्रता सेनानियों का उल्लेख किया है जिनके बिना भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की गाथा अधूरी है किंतु समय ने उन्हें भुला दिया. ऐसे में ये पुस्तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदीय इतिहास को भी नये ढंग से सामने लाने का कार्य करेगी.

पुस्तक के लेखक आसिफ़ आज़मी ने अपने सम्बोधन में कहा कि ये पुस्तक दो वर्षों का कठिन परिश्रम और गहन अध्ययन का परिणाम है. उन्होंने कहा कि यह इतिहास की नहीं, अपितु भविष्य की पुस्तक भी है. पूर्वांचली के इन सत्याग्रहियों एवं क्रांतिकारियों से प्रेरणा लेकर आने वाली नसलें राष्ट्र के प्रति समर्पित रहेंगी. ज्ञात हो कि माटी न्यास की यह दूसरी किताब है, इसके पहले माटी अपनी पहली किताब “माटी काव्य संग्रह” के द्वारा पूर्वांचल के 108 जीवित कवियों की रचनाओं और उनके जीवन परिचय से अवगत कराने का कार्य कर चुकी है. कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के रूप में विधायक मुकेश शर्मा, विधायक दिलीप पांडेय इत्यादि उपस्थित रहे.

आज़ादी के अमृत महोत्सव को समर्पित इस कार्यक्रम की शुरुआत में “बुद्ध से कबीर तक बैंड” ने स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा गाए जाने वाले गीतों को अदभुत ढंग से संगीतात्मक प्रस्तुति द्वारा लोगों को देश भक्ति के रंग में रंग दिया.

इस अवसर पर एक कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया जहां पर प्रसिद्ध गीतकार शकील आज़मी, दिलीप पांडेय, सर्वेश अस्थाना, शिशिर सोमवंशी, पवन कुमार, रितेश रजवाड़ा, प्रखर मालवीय कान्हा और याचना फांसल ने अपनी रचनाएं सुनाईं.

माटी के न्यासी एडवोकेट धीरेंद्र प्राप्त श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण दिया जबकि संचालन प्रखर मालवीय ने किया. कार्यक्रम का एक आकर्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन रहे जो पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों से बड़ी तादाद में आकर कार्यक्रम में शामिल रहे.