श्रीनगर: शहर के नौहट्टा इलाके में स्थित जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति ने बुधवार को आरोप लगाया कि अधिकारियों ने अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से शब-ए-बरात के मौके पर मस्जिद को बंद करा दिया और बाद में ऐसा करने की बात से इनकार किया।
अंजुमन औकफ जामा मस्जिद ने मंगलवार को दावा किया कि पुलिस ने मस्जिद को बंद कर दिया और शब-ए-बरात पर कोई नमाज अदा नहीं करने दी गयी।
पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर कथित पुलिसिया कार्रवाई की आलोचना की।
उन्होंने मंगलवार देर रात ट्वीट किया, ‘‘शब-ए-बरात के पवित्र मौके पर जामा मस्जिद को बंद करना भारतीय संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता का स्पष्ट उल्लंघन है।’’
Locking up Jama Masjid on the auspicious occasion of Shab e Barat is a brazen violation of fundamental rights & religious freedom guaranteed by the Indian Constitution. May Allah Ta’aala give us strength to get through these tough times. Shab-E- Baraat Mubarak 🤲 pic.twitter.com/QV43c0cxjt
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) March 7, 2023
पूर्व मुख्यमंत्री के ट्वीट का जिक्र करते हुए श्रीनगर पुलिस ने कहा कि नमाज नहीं होने से उसका कोई लेना देना नहीं है।
पुलिस ने ट्वीट में कहा, ‘‘यह साफ है कि प्रशासन और पुलिस का शब-ए-बरात के मौके पर आज जामा मस्जिद में नहीं हो रही नमाज से कोई लेना देना नहीं है। ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया और ना ही प्रशासन या पुलिस ने ऐसी कोई कार्रवाई की है। कृपया अफवाह मत फैलाइए।’’
मस्जिद प्रबंधन समिति ने बुधवार को कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि मस्जिद को बंद करने और मगरिब की नमाज की इजाजत नहीं देने के बाद अधिकारी इस तरह की किसी कार्रवाई की बात से इनकार कर रहे हैं।
उसने एक बयान में कहा, ‘‘अगर स्थानीय थाने के लोगों ने मस्जिद परिसर में जाकर दरवाजों पर ताले नहीं जड़े थे तो वे लोग कौन थे, यह पूछा जाना चाहिए। दरअसल, इन पुलिसकर्मियों ने ऐसा करते समय व्यक्तिगत रूप से अफसोस जताया, लेकिन कहा कि वे जिला प्रशासन के आदेश पर ऐसा कर रहे हैं।’’
(इनपुट पीटीआई-भाषा)