नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने 10 लोगों की गिरफ्तारी के साथ दिल्ली और लखनऊ में चल रहे तीन फर्जी कॉल सेंटरों के जरिए नामी कंपनियों की घटिया गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री में शामिल ठगी करने वाले गिरोह का पदार्फाश किया है।
अधिकारी ने कहा कि गिरोह नीम हकीम खतरा-ए-जान ने देशभर में 6,372 लोगों से 1.94 करोड़ रुपये की ठगी की है। आरोपियों की पहचान विकास पाल, सोनू पाल, राहुल सिंह, समर, उग्रसेन सिंह, जितेंद्र कुमार सिंह, रोहित सिंह, सतीश सिंह, राजेश सिंह और आशुतोष कुमार के रूप में हुई है।
अधिकारी ने कहा कि आरोपियों के पास से 42 मोबाइल फोन, 9 लैपटॉप और घटिया क्वालिटी की दवाएं और हकीम सुलेमान ग्रुप का डेटा भी बरामद किया है।
पुलिस के अनुसार, अनायुर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड (यूएमपीएल) मैनेजर एडमिन सचिन दहिया ने दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट में एक शिकायत कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि नकली, कृत्रिम, गलत ब्रांड वाली और मिलावटी दवाएं कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा उनके ग्राहकों तक पहुंचाई जा रही हैं जो खुद को उनकी कंपनी के कर्मचारी के रूप में पेश करते हैं।
पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) प्रशांत गौतम ने कहा, दहिया ने आरोप लगाया कि लोग विभिन्न मोबाइल नंबरों से ग्राहकों को कॉल करते हैं और उन्हें रियायती दरों पर दवाइयां बेचने का लालच देते हैं, जिससे ग्राहकों को लाभ के बजाय नुकसान होता है।
पुलिस उपायुक्त ने कहा कि यह भी आरोप लगाया गया था कि जालसाजों ने यूएमपीएल का डेटा भी हासिल किया और साल 2017 के बाद से करीब 6,372 ग्राहकों/मरीजों को उनके द्वारा 1.94 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।
जांच के दौरान, विभिन्न कूरियर कंपनियों से प्रासंगिक खाता विवरण और कथित नंबरों के कॉल विवरण रिकॉर्ड एकत्र किए गए तथा उनका विश्लेषण किया गया, जिससे यह पता चला कि खाते दिल्ली और लखनऊ से खोले गए थे।
डीसीपी ने कहा कि कथित नंबरों के स्थान भी दोनों शहरों में पाए गए। हालांकि, कथित व्यक्तियों के पते नहीं मिल रहे थे। इसलिए, टीम ने व्यापक विश्लेषण किया और व्यापक क्षेत्र की जांच की और अंत में स्वरूप नगर (दिल्ली), इंदिरा नगर और जानकीपुरम (लखनऊ) में स्थित तीन कॉल सेंटरों का पता लगाने में सफल रही।
नतीजतन, पुलिस टीमों ने तीनों स्थानों पर एक साथ छापेमारी की और आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। डीसीपी ने कहा कि राहुल इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड है।
डीसीपी ने कहा कि इन कॉल सेंटरों पर टेलीकॉलर रियायती दवाओं के बहाने शिकायतकर्ता कंपनी के ग्राहकों को लुभाते थे और उन्हें घटिया गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक दवाएं बेचते थे।
—आईएएनएस