नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के लोग शीतलहर और घने कोहरे का बीते कई दिनों से सामना कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें बुधवार से एक जनवरी तक कड़ाके की ठंड से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
रॉयल बुलेटिन की खबर के अनुसार, दिल्ली के लोगों की नींद बुधवार को कोहरे की हल्की परत और कड़ाके की सर्दी के साथ खुली। दिल्ली के पालम मौसम केंद्र में बुधवार को न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस जबकि सफदरजंग में न्यूनतम तापमान 8.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, एक ठंडा दिन वह होता है जब न्यूनतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस से कम या इसके बराबर होता है और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री कम होता है। जबकि सबसे ज्यादा ठंडा दिन वह होता है जब अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री या उससे अधिक होता है।
एक ‘गंभीर’ शीत लहर तब होती है जब न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है या सामान्य से रवानगी 6.4 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाती है।
आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भविष्यवाणी की कि बुधवार से उत्तर पश्चिम भारत में ठंड कम हो जाएगी और फिर 31 दिसंबर से सर्दी का सितम फिर से शुरू हो सकता है। आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने कहा कि 28 दिसंबर से पश्चिमी विक्षोभ के कारण सुधार होगा और 29 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर, लेह और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में ताजा बर्फबारी होने की आशंका है।
वहीं 29 दिसंबर को पंजाब के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश होने की उम्मीद है। वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि देश के उत्तरी हिस्सों में 31 दिसंबर से ताजा शीत लहर की स्थिति देखी जाएगी।
रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को पंजाब के बठिंडा में घना कोहरा देखा गया। हालांकि, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी ²श्यता कम रही। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और इससे सटे उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 3-7 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है।
राजस्थान के चूरू में पिछले दो दिनों से लगातार बहुत ज्यादा सर्दी पड़ रही है। चूरू में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। एक अधिकारी ने कहा कि राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में तापमान 0 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच रहा है और राज्य में ठंड बढ़ रही है। पूर्वी राजस्थान में पश्चिमी राजस्थान की तुलना में अधिक ठंड पड़ रही है।