दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के खिलाफ एफआईआर की दर्ज, सभी प्रदर्शनकारियों को किया गया रिहा

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Photo: @nabilajamal_/twitter
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नई दिल्ली: नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन रविवार को जंतर-मंतर से 109 सहित दिल्लीभर में 700 लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि पहलवानों साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

रॉयल बुलेटिन की खबर के अनुसार, पुलिस के अनुसार, इन पहलवानों के खिलाफ धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश देने की अवज्ञा), 186 (सार्वजनिक कार्यो के निर्वहन में सरकारी कर्मचारी को बाधा डालना), 353 (जनता को डराने के लिए हमला या आपराधिक बल), 332 (स्वेच्छा से लोक सेवक को अपने कर्तव्य से रोकना, चोट पहुंचाना), 352 (गंभीर उकसावे के अलावा हमला या आपराधिक बल), 147 (दंगा) और 149 (गैरकानूनी जमाव का हर सदस्य अपराध का दोषी) कॉमन ऑब्जेक्शन ऑफ प्रॉसिक्यूशनऔर सेक्शन 3 ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

हिरासत में लिए गए पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और संगीता फोगाट सहित सभी महिला प्रदर्शनकारियों को रविवार देर शाम रिहा कर दिया गया। जनपथ से हिरासत में लिए गए नजफगढ़ के करीब 14 प्रदर्शनकारियों को रात करीब 10 बजे रिहा कर दिया गया और पालम खाप के अध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी सहित 16 प्रदर्शनकारियों को रात करीब साढ़े दस बजे वसंत विहार थाने से रिहा कर दिया गया।

सर्व खाप महापंचायत और प्रदर्शनकारी पहलवानों ने रविवार को दिल्ली में नवनिर्मित संसद भवन के बाहर महिला पंचायत आयोजित करने का आह्वान किया था, ताकि उद्घाटन करने आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान इन पीड़िता ओलंपियन पहलवानों की तरफ जाए।

पिछले हफ्ते रविवार को प्रदर्शनकारी पहलवानों के समर्थन में हरियाणा के महम कस्बे में आयोजित खाप महापंचायत में तय किया गया था कि नवनिर्मित संसद भवन के बाहर रविवार को होने वाली पंचायत में देशभर की महिलाएं भाग लेंगी।
नए संसद भवन की ओर कूच करने से रोके जाने पर विनेश फोगाट, उनकी बहन संगीता फोगट और अन्य पहलवानों ने सुरक्षा बैरिकेड्स को तोड़ने का प्रयास किया, जिसके बाद तनाव बढ़ गया।

इसके कारण प्रदर्शनकारियों और पुलिस अधिकारियों में धक्का-मुक्की हुई। जब वे धरना देने के लिए सड़क पर बैठ गए तो उन्हें घसीटकर ले जाया गया और पुलिस वैन में डाल दिया गया। इस दौरान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और उनके समर्थकों सहित सभी पहलवानों को हिरासत में ले लिया गया और उन्हें अलग-अलग थानों में रखा गया।

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने रविवार को शहर की पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ मारपीट की निंदा की और यौन उत्पीड़न के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। इन पहलवानों का जंतर-मंतर पर धरना 23 अप्रैल से ही चल रहा था। मालीवाल ने उन्हें हिरासत में लेने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की।

टीकरी, गाजीपुर, सिंघू और बदरपुर बॉर्डर सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में अर्धसैनिक बल सहित हजारों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। पुलिस ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से औपचारिक अनुरोध कर पुराने बवाना के कंझावला चौक स्थित एमसी प्राइमरी गर्ल्स स्कूल में एक अस्थायी जेल बनाने की अनुमति मांगी थी। यह अनुरोध कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए किया गया था, हालांकि, दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने इसे अस्वीकार कर दिया था।