लुधियाना (पंजाब): पंजाब में लुधियाना जिले के घनी आबादी वाले ग्यासपुरा इलाके में रविवार को कथित तौर पर जहरीली गैस के रिसाव के कारण तीन बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य लोग बीमार पड़ गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों को संदेह है कि सीवर में कुछ रसायनों को फेंके जाने के कारण हानिकारक उत्सर्जन हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि चार बीमार लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि घटना के बाद इलाके को सील कर दिया गया, निवासियों को बाहर निकाल लिया गया और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम मौके पर पहुंच गई।
उन्होंने बताया कि किस गैस का रिसाव हुआ और इसका स्रोत क्या था, यह फिलहाल पता नहीं लगाया जा सका है। उन्होंने कहा कि ऐसी आशंका है कि सीवर में कुछ रसायनों की मीथेन गैस से प्रतिक्रिया हुई होगी।
ग्यासपुरा घनी आबादी वाला क्षेत्र है, जहां प्रवासी अच्छी खासी संख्या में रहते हैं। कई औद्योगिक और आवासीय भवन यहां स्थित हैं। सभी पीड़ित उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं और लुधियाना में रह रहे थे।
अधिकारियों ने बताया कि घटना का पता रविवार सुबह तब चला, जब एक स्थानीय किराना दुकान पर दूध लेने आए कुछ लोग बेहोश होने लगे।
उन्होंने बताया कि मरने वालों में दुकान के मालिक के परिवार के तीन सदस्य और एक अन्य परिवार के पांच सदस्य हैं।
पुलिस ने कहा कि मृतकों में पांच महिलाएं और छह पुरुष शामिल हैं।
जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घटना में बीमार हुए लोगों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा का देने की घोषणा की है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना में लोगों की मौत पर दुख जताया और कहा कि एनडीआरएफ की टीम राहत कार्य में लगी हुई है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घटना को बेहद दर्दनाक बताते हुए कहा कि हर संभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है।
लुधियाना की उपायुक्त सुरभि मलिक ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ऐसी आशंका है कि सीवर में कुछ रसायनों की मीथेन गैस से प्रतिक्रिया हुई होगी।’’
उन्होंने बताया कि इलाके को खाली करा लिया गया है और गैस के फैलने पर रिसाव स्थल की घेराबंदी का दायरा बढ़ाया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि घटना में जान गंवाने वाले लोगों में श्वसन संबंधी समस्या का कोई लक्षण नहीं दिखा। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी आशंका है कि न्यूरोटॉक्सिन (विषाक्त पदार्थ के संपर्क में आने से तंत्रिका तंत्र की सामान्य गतिविधि में बदलाव) की वजह से मौत हुई है।’’
अतिरिक्त उपायुक्त अमरजीत सिंह बैंस ने कहा, ‘‘इलाके में एक टूटा हुआ मैनहोल मिला है और उसमें से तेज दुर्गंध आ रही थी। ऐसी आशंका है कि उस जगह से सीवरेज में रसायन डाला गया हो।’’
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल पर पहुंची राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम यह पता लगाएगी कि किस गैस का रिसाव हुआ और इसका स्रोत एवं कारण क्या था।
लुधियाना की उपायुक्त ने बताया कि एनडीआरएफ का एक दल विभिन्न तरह के रसायनों के नमूने एकत्रित कर रहा है।
पुलिस ने इलाके को सील कर दिया है और वहां राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एक दमकल वाहन और एक एम्बुलेंस को तैनात किया गया है।
उपायुक्त ने बताया कि जिस गैस का रिसाव हुआ है, उसका असर काफी हद तक कम हो गया है।
उन्होंने बताया कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है और उन्होंने लोगों से अफवाह फैलाने वालों से दूर रहने को कहा। उन्होंने लोगों से इलाके से दूर रहने की भी अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह पता लगाने के लिए जांच की जाएगी कि यह गैस कितनी दूर तक फैली।’’
मलिक ने कहा, ‘‘हम यह पता लगाने के लिए सीवरों से नमूने एकत्रित कर रहे हैं कि यह किस तरह की गैस थी और किसी रासायनिक मिश्रण के बाद कौन-सी गैस निकली। हम इसकी जांच कर रहे हैं और यह कितनी दूर तक फैली, इसकी भी जांच कर रहे हैं।’’
उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।
इससे पहले, एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि अभी यह पता नहीं चला है कि इन लोगों की मौत किस वजह से हुई। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘पहले हम इसकी जांच करेंगे, फिर आपको जानकारी देंगे।’’
लुधियाना के पुलिस आयुक्त मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि यह आशंका जताई गई कि किसी ने सीवर में कुछ रसायनों का निपटान किया, जिससे जहरीली गैस का उत्सर्जन हुआ।
सिद्धू ने कहा, ‘‘घटना स्थल पर एक बिल्ली भी मृत पाई गई।’’
पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान अभय (13), आर्यन (10), कल्पना (16), कमलेश (60), वर्षा (35), सौरव (35), प्रीति (31), कविलाश (40), नवनीत (39), नीतू देवी (39) के रूप में की गई है और एक व्यक्ति की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
(इनपुट पीटीआई-भाषा)