राहुल गांधी के कारण मैंने कांग्रेस छोड़ी, आज सोनिया गांधी की पार्टी में चलती नहीं: आजाद

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गुलाम नबी आजाद ने राजधानी दिल्ली में अपनी आत्मकथा ‘आजाद’ के विमोचन के मौके पर

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राहुल गांधी ही कारण हैं जिसकी वजह से आज वो कांग्रेस पार्टी का हिस्सा नहीं है।

गुलाम नबी आजाद ने राजधानी दिल्ली में अपनी आत्मकथा ‘आजाद’ के विमोचन के मौके पर बुधवार को कहा, सोनिया गांधी ने पार्टी के लिए बहुत कड़ी मेहनत की। अगर राहुल उनके मुकाबले 150 वा हिस्सा भी मेहनत कर लेते तो कांग्रेस पार्टी कुछ और होती। एक राजनितिक दल अपनी मर्जी के अनुसार नहीं चल सकती। मैंने कांग्रेस से बनने वाले सभी प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया।

रॉयल बुलेटिन की खबर के अनुसार, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि साल 2013 में कैबिनेट को अपने निर्णय पर कायम रहना चाहिए था किया होता तो राहुल गांधी की सदस्यता आज बच जाती।

गुलाम नबी आजाद ने राजधानी दिल्ली में अपनी आत्मकथा ‘आजाद’ के विमोचन के मौके पर

उन्होंने राहुल पर चुटकी लेते हुए कहा, खुद किए तुमने अपनी दीवारों पर सुराक अब अगर कोई झांक रहा है तो शोर कैसा।

वहीं क्या राहुल गांधी ही कारण की आज गुलाम नबी आजाद कांग्रेस पार्टी का हिस्सा नहीं है। उन्होंने इसके जवाब में कहा हां ये सच है। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस में सोनिया गांधी की चलती तो मैं पार्टी के बाहर ही नहीं होता। न ही अब मल्लिकार्जुन खडगे कोई बड़ा निर्णय ले पाने में सक्षम हैं।

वहीं उन्होंने कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर कमेंट पर करते हुए कहा, मैं 24 कैरेट कांग्रेसी हूं और वो 18 कैरेट हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस में नॉमिनेशन कल्चर बहुत गलत है। गुलाम नबी ने कहा, मैंने कई बार ये मुद्दा उठाया है कि कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों का चुनाव होना चाहिए। ब्लॉक, डिस्ट्रिक और राज्य स्तर के चुनाव होने चाहिए। ये सब चुनाव 25 पहले चुनाव होते थे। इंदिरा गांधी ने नरसिम्हा राव तक चुनाव होते थे।

आजाद ने अपनी किताब में पीएम मोदी की भी तारीफ की हैं आजाद ने कहा, मैंने प्रधानमंत्री के साथ क्या किया, और उन्होंने मेरे साथ कैसा व्यवहार किया। इसका श्रेय मोदी को दिया जाना चाहिए। वे बड़े त्यागी हैं। गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी को उदार बताते हुए कहा कि विपक्ष के नेता के तौर पर मैंने उनका कई बार विरोध किया। मैंने उन्हें धारा 370, सीएए और हिजाब के मुद्दे पर भी नहीं बख्शा। लेकिन मोदी ने कभी भी बदले की भावना नहीं रखी। वो हमेशा एक दिल वाले राजनेता की तरह पेश आए।

गुलाम नबी आजाद अपनी आत्मकथा ‘आजाद’ पढ़ते हुए

प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे रिश्तों और बीजेपी से अपनी पार्टी के गठबंधन पर विमोचन के मौके पर आजाद ने कहा, कोई भी अनटचेबल नहीं है। ये कानून भी गलत है। राजनिति में कोई भी हमेशा दोस्त और हमेशा दुश्मन नहीं होता। हार्ड कोर मैं एक क्षेत्रिय पार्टी का नेता नहीं हूं। मैंने हमेशा राष्ट्रीय पार्टी के लिए राजनिति की है।

आजाद ने इस पुस्तक में अपने 55 सालों के राजनीतिक अनुभवों का जिक्र किया है। राजनीतिक और वैचारिक संघर्ष को लेकर जयराम रमेश और सलमान खुर्शीद जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपनी किताब में सलमान खुर्शीद को पर भी निशाना साधा है। आजाद के मुताबिक, सलमान ने जी-23 में उनके रोल पर सवाल उठाए थे। खुर्शीद और कुछ दूसरे नेताओं ने उन्हें एक मकसद के लिए एकजुट हुए बागी करार दिया था। कुछ लोग तो कांग्रेस में ऐसे हैं जिन्होंने अपने पद का नाजायज फायदा उठाया और बदले में पार्टी को कुछ नहीं दिया। ये लोग अपनी मौजूदगी सिर्फ ट्विटर पर दर्ज कराते रहे। किताब के विमोचन के मौके पर आजाद ने कहा आज ट्विटर पॉलिटिशियन राजनिति को प्रदूषित कर रहे हैं।