लखनऊ: दो साल पहले एक दलित महिला के बलात्कार और हत्या को कवर करने के लिए यूपी के हाथरस की यात्रा के दौरान आतंकवाद से संबंधित आरोपों में हिरासत में लिए जाने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में केरल के एक पत्रकार सिद्दीक कप्पन को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने जमानत दे दी. कप्पन के वकील मोहम्मद धनीश ने इस खबर की पुष्टि की.
आवाज द वॉयस की खबर के अनुसार, सितंबर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और अन्य संबंधित कानूनों के तहत लाए गए आतंकी मामले में उन्हें पहले ही जमानत दे दी गई थी, लेकिन उन्हें लखनऊ में हिरासत में रखा गया, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय का संबंधित मामला लंबित था.
उन्हें और छह अन्य लोगों पर इस महीने की शुरुआत में लखनऊ की एक अदालत ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आरोप लगाया था. केए रऊफ शेरिफ, अतीकुर रहमान, मसूद अहमद, मोहम्मद आलम, अब्दुल रज्जाक और अशरफ खादिर अन्य प्रतिवादी हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, ये लोग अब प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इसकी छात्र शाखा, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के सदस्य हैं. अभियुक्तों ने दावा किया कि वे केवल पत्रकारिता के उद्देश्य से हाथरस का दौरा कर रहे थे और उन्होंने आतंकवादी गतिविधियों में वित्तपोषण या भाग लेने में किसी भी भूमिका से इनकार किया.