सैन फ्रांसिस्को: अमेरिका के छह दिन के दौरे पर आए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर जाति आधारित जनगणना की अपनी मांग दोहराई है। उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर देश के संविधान पर हमला करने का भी आरोप लगाया है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की सुंदरता इसकी विविधता है और किसी भी भाषा पर हमला देश के संविधान पर हमला है, जिसे वह नहीं होने देंगे।
अमेरिका की छह दिवसीय यात्रा पर आए राहुल गांधी ने यहां प्रवासी भारतीयों से बातचीत करते हुए कहा, भारत ने कभी किसी विचार को खारिज नहीं किया है। हर कोई जो भारत आया है, भारत ने उनका खुले दिल से स्वागत किया है और उनके विचारों को आत्मसात किया है। यही वह भारत है जिसे हम पसंद करते हैं – जो विनम्र है, जो सम्मान देता है, जो सुनता है और जो स्नेही है।
उन्होंने अमेरिका में रह रहे भारतीयों को भारतीय संस्कृति का दूत बताया और कहा कि यही कारण है कि आप सभी यहां हैं।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, अगर आप नफरत, गुस्से और अहंकार में विश्वास करते तो आप यहां नहीं बैठे होते, बल्कि भाजपा की बैठक में होते और मैं मन की बात कर रहा होता। हमारी संस्कृति को धारण करने, हमारी संस्कृति से उन्हें सीखने देने और हमें गौरवान्वित होने का मौका देने के लिए आप सभी का शुक्रिया क्योंकि आप सभी हमारे राजदूत हैं। यदि अमेरिका कहता है कि भारतीय बुद्धिमान हैं, आईटी में उस्ताद हैं, तो यह आप सभी की वजह से है क्योंकि आप अपने-आप में भारत के सम्मान और संस्कृति को धारण किए हुए हैं।
केंद्र सरकार द्वारा एक भाषा के विचार को थोपने की कोशिश के बारे में पूछे जाने पर, वायनाड के पूर्व लोकसभा सांसद ने कहा, संविधान में भारत की परिभाषा राज्यों का संघ है। हमारे संविधान के भीतर भाषा, संस्कृति, इतिहास का विचार है। और उनमें से प्रत्येक को संरक्षित किया जाना है।
भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, भाजपा और आरएसएस उस विचार और संविधान पर हमला कर रहे हैं। मेरे लिए तमिल एक भाषा से बढ़कर है। यह सिर्फ एक भाषा नहीं है, बल्कि उनका इतिहास, संस्कृति और उनके जीवन का तरीका है। और मैं कभी भी तमिल भाषा को खतरा नहीं होने दूंगा क्योंकि मेरे लिए तमिल भाषा को धमकी देना भारत के विचार को धमकी देना है। बंगाली, पंजाबी, कन्नड़ और हिंदी सभी को धमकी देना भारत पर हमला है। हमारी ताकत हमारी विविधता से आती है, हमारी ताकत यह स्वीकार करने से आती है कि हम सभी अलग हैं लेकिन हम एक साथ काम कर सकते हैं।
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने एक बार फिर जाति जनगणना के लिए अपनी पार्टी की मांग को दोहराया।
उन्होंने कहा, जब हम सरकार में थे, हमने एक जातिगत जनगणना की थी। जातिगत जनगणना के पीछे का विचार यह था कि समाज की सटीक जनसांख्यिकी क्या है, विभिन्न समुदायों के कितने लोग हैं, यह पता लगाने के लिए भारतीय समाज का एक्स-रे किया जाए ताकि यह पता लनगाया जा सके कि विभिन्न समुदायों और जातियों के कितने लोग हैं। आबादी के वितरण को जाने बिना और कौन क्या है यह जाने बिना धन और शक्ति का प्रभावी वितरण मुश्किल है।
उन्होंने कहा, यही कारण है कि हम भाजपा पर जाति जनगणना जारी करने के लिए जोर दे रहे हैं और वे ऐसा नहीं कर रहे हैं। जब हम सत्ता में आएंगे तो हम यह करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस भारत को एक उचित जगह बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और हम समझते हैं कि दलितों, आदिवासियों, गरीबों और अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार के मामले में भारत आज एक उचित जगह नहीं है।
उन्होंने कहा, एक न्याय योजना है जो हर भारतीय को न्यूनतम आय प्रदान कर सकती है, मनरेगा जैसी योजनाएं, सार्वजनिक शिक्षा में वृद्धि, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा और मुझे लगता है कि ये ऐसी चीजें हैं जो इसे और अधिक उचित जगह बनाने के लिए की जा सकती हैं।
महिला सशक्तिकरण और संसद में महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने में देरी के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा, हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं और पिछली सरकार में हमने इसे पारित करने की कोशिश की थी लेकिन हमारे कुछ सहयोगी इससे खुश नहीं थे, और उन्होंने उस विधेयक को पारित नहीं होने दिया।
उन्होंने कहा, इसलिए मुझे विश्वास है कि अगर हम सत्ता में आए तो हम उस विधेयक को पारित कर देंगे। हम महिलाओं को सशक्त बनाने और राजनीति में उनकी भागीदारी में विश्वास करते हैं। उन्हें शासन, व्यापार और राजनीति में शामिल करना ही उन्हें सशक्त बनाने का तरीका है।
राहुल गांधी मंगलवार सुबह यहां पहुंचे। वह एक साधारण पासपोर्ट पर यात्रा कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने सांसद के रूप में अपनी अयोग्यता के बाद अपने राजनयिक पासपोर्ट को सरेंडर कर दिया है।
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के सचिव वीरेंद्र वशिष्ठ ने कहा कि राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा प्रेम के विचार को फैलाने के लिए है, और वह अपनी छह दिवसीय यात्रा के दौरान विभिन्न समूहों के साथ बातचीत करेंगे।
—आईएएनएस