सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को अब्दुल्लाह आज़म की याचिका पर सुनवाई का दिया निर्देश

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अब्दुल्लाह आजम की दोषसिद्धि पर रोक की अर्जी पर यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
अब्दुल्लाह आजम की दोषसिद्धि पर रोक की अर्जी पर यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से कहा कि वह समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता अब्दुल्लाह आज़म खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान द्वारा दायर उस याचिका पर 10 अप्रैल को सुनवाई करे, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना देने के 15 साल पुराने मामले में उनकी दोषसिद्धी को निलंबित करने का अनुरोध किया गया है।

अमृत विचार की खबर के अनुसार, उच्च न्यायालय के 17 मार्च के आदेश के खिलाफ अब्दुल्लाह आजम की याचिका पर न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ और बी.वी. नागरत्ना की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में राज्य को अब्दुल्ला के मामले में तीन सप्ताह के भीतर अपील का जवाब देने के लिए कहा था, लेकिन सत्र अदालत के आदेश पर रोक नहीं लगाई थी।

पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय दोषसिद्धि को निलंबित करने की अर्जी पर सुनवाई कर सकता है। इसने कहा कि याचिकाकर्ता 10 अप्रैल को उच्च न्यायालय के समक्ष उपस्थित हों और उच्च न्यायालय से उस तारीख पर मामले की सुनवाई करने को कहा।

गत 29 मार्च को याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा और अधिवक्ता सुमीर सोढ़ी को याचिका की प्रति उत्तर प्रदेश सरकार के स्थायी अधिवक्ता को देने के लिए कहा था और मामले की सुनवाई पांच अप्रैल के लिए सूचीबद्ध की थी।

तब सुनवाई के दौरान तन्खा ने तर्क दिया था कि अपराध के समय खान नाबालिग थे और इसलिए उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा था कि उच्च न्यायालय ने सत्र अदालत के आदेश पर रोक नहीं लगाकर गलती की है।

निचली अदालत ने 13 फरवरी को खान को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 सहित अन्य अपराधों के लिए दोषी ठहराया था और उन्हें दो साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई थी।