टुटा हुआ लश्कर का भ्रम देख रहे हैं
और जिल्ले इलाही का करम देख रहे हैं
ताकत का नशा अक्ल पर हावी है तुम्हारी
तुम देख न पाओगे जो हम देख रहे हैं
यह चुनर धानी धानी भूल जाते
यह पुरवा कि रवानी भूल जाते
जो आकर चार दिन गाँव में रहते
तो सारी लंतरानी भूल जाते
जो सच और झूठ में दुरी है वोह दुरी समझते हैं
सियासी हकीमों की हम भी मज़बूरी समझते हैं
वोह अपना हक समझते हैं निवाला चीन लेने को
डकैती को बहुत से लोग मज़बूरी समझते हैं
राज्यसभा में बजट पर बोलते हुए महाराष्ट्र से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने 29/07/2024 को कहा कि union budget 2024-25 झूठ का पुलिंदा है, हमारे घोषणा पत्र की नकल करने की कोशिश है. लेकिन कहा जाता है कि नकल भी वही कर पाता है जिसके पास अक्ल हो. उन्होंने कहा कि इस सरकार को आलोचना सुनने की आदत नहीं है. इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि कुछ सवाल करो तो ये कहते हैं कि 70 साल में क्या किया. जो अपनी ही सरकार का चलाया हुआ दो हजार का नोट सात साल नहीं चला सके, वो हमसे 70 साल का हिसाब मांगते हैं.