एबीवीपी ने जामिया के सुरक्षाकर्मियों पर प्रदर्शनरत छात्रों से हाथापाई का आरोप लगाया

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representative image: Photo- Social Media

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध एबीवीपी ने आरोप लगाया कि पाठ्यक्रमों में विश्वविद्यालयीन सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के जरिए दाखिला न किए जाने को लेकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के बाहर प्रदर्शन कर रहे कई छात्रों से मंगलवार शाम को विश्वविद्यलाय के सुरक्षाकर्मियों ने ‘‘हाथापाई’’ की।

छात्र मंगलवार सुबह से ही विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि वे अपनी मांगें पूरी होने तक वहां से नहीं हटेंगे। यह प्रदर्शन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने आयोजित किया।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पिछले साल सीयूईटी की शुरुआत की गई थी। हालांकि, इस महीने की शुरुआत में जामिया ने घोषणा की कि वह अपनी प्रवेश प्रक्रिया पर कायम रहेगा।

सोशल मीडिया पर कई वीडियो पोस्ट की गयी जिसमें विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर बैठे छात्रों की सुरक्षाकर्मियों से बहस होते हुए देखी गयी। सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों को वहां से हटाने की भी कोशिश की।

अभी विश्वविद्यालय ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

प्रदर्शन कर रहे एक छात्र आशुतोष ने कहा, “हम यहां सीयूईटी को नहीं अपनाने के विरोध में इकट्ठा हुए हैं। जब हर केंद्रीय विश्वविद्यालय ने इसे अपनाया है तो जामिया को दिक्कत क्यों है?”

विरोध प्रदर्शन का आयोजन आरएसएस से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने किया।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने भगवा झंडे और ‘प्रवेश घोटाला खत्म करो’ और ‘सीयूईटी लाओ’ की तख्तियां लिए हुए सभी पाठ्यक्रमों के लिए सीयूईटी को अपनाने की मांग करते हुए नारे लगाए।

छात्रों ने यह भी दावा किया कि विश्वविद्यालय द्वारा अभी तक पीएचडी के प्रवेश अंक (स्कोरकार्ड) जारी नहीं किए गए हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि इस महीने की शुरुआत में, जामिया ने विश्वविद्यालय के नियमों को बदलने के लिए समय की कमी का हवाला देते हुए 20 कार्यक्रमों को छोड़कर स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीयूईटी को लागू नहीं करने का फैसला किया।

हाल में, यूजीसी ने जेएमआई को शैक्षणिक सत्र 2023-24 से सभी पाठ्यक्रमों में सीयूईटी-यूजी लागू करने के लिए कहा था।

(इनपुट पीटीआई-भाषा)