नई दिल्ली: भारत में फर्ज़ी खबरों का भंडा फोड़ करने वाले फैक्ट चेकर मोहम्मद ज़ुबैर को ऑनलाइन सोशल मीडिया के माध्यम से जान से मारने की धमकियां मिल रहीं हैं.
जानकारी के मुताबिक़, तमिलनाडु में प्रवासी बिहारी श्रमिकों पर जानलेवा हमलों की फर्ज़ी ख़बरों को उजागर करने के बाद जुबैर को मिलने वाली धमकियों में बढ़ोतरी हुई है.
जर्नो मिरर की खबर के अनुसार, ज़ुबैर को धमकी देने वालों में दक्षिणपंथी कॉलमनिस्ट हर्षिल मेहता, ऑपइंडिया के पूर्व संपादक अजीत भारती समेत सैकड़ों लोग शामिल हैं.
अजीत भारती ने धमकी देते हुए कहा कि, तैयारी चल रही है इतना बड़ा खतना होगा इस बार कि पाइप लगा कर मुतेगा. एक अन्य यूजर्स ने अखलाक थेरेपी इस्तेमाल करने की धमकी दी. आपको बता दे कि 2015 में उत्तर प्रदेश के दादरी में गोमांस खाने के संदेह में मोहम्मद अखलाक को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था.
स्वंतत्र पत्रकार नील माधव ने ज़ुबैर को मिलने वाली धमकियों के स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा कि, एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग योजना चालू है. जुबैर का काम बेहद जोखिम भरा है. उनकी जान को खतरा है. क्या हम ऐसी धमकियों को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं? भारत उसे खोने का जोखिम नहीं उठा सकता. सच बोलना जारी रखने के लिए हमें अब पहले से कहीं अधिक उसकी आवश्यकता है.
“Extra judicial killing”
“The plan is on”
“we need a lone wolf”Zubair's job is extremely risky. There is a very direct threat to his life.
Can we ignore such threats? India can't afford to lose him. We need him more than ever now to continue the TRUTH TELLING.#StandWithZubair pic.twitter.com/bBDsb3X0hq— Neel Madhav (@NeelMadhav_) March 8, 2023
इन धमकियों पर मौहम्मद ज़ुबैर का का कहना हैं कि, मैं बरसों से इन गालियों और धमकियों का आदी हूं. मैं अक्सर इन्हें नज़रअंदाज़ कर देता हूं या हंसकर टाल देता हूं. लेकिन जब हमने तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर हमलों के बारे में उनके झूठे प्रचार का भंडाफोड़ किया, तो मुझे शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने और मुझे खत्म करने की योजना बनाने वाले लोगों के ऐसे कई ट्वीट्स दिखाई दे रहे हैं.
इस मामले पर बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर प्रताप रेड्डी ने अलीशान जाफरी से कहा कि, मुझे किसी को जान से मारने की धमकी देने की जानकारी नहीं है, मेरे पास ऐसी कोई सूचना नहीं आई है. अगर जुबैर हमसे संपर्क करते हैं, तो हम मामले के आधार पर सुरक्षा देने पर विचार करेंगे.
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा का कहना हैं कि, हम अपने वकीलों से बात कर रहे हैं कि क्या किया जाए.